मैं, असहाय ना होकर भी, स्वयं को असहाय अनुभव करती रहूंगी मैं, असहाय ना होकर भी, स्वयं को असहाय अनुभव करती रहूंगी
इस काव्यपंक्ति में नारी का प्रतिरूप ही बेटी है,वह श्रद्धा और विश्वास सम है! इस काव्यपंक्ति में नारी का प्रतिरूप ही बेटी है,वह श्रद्धा और विश्वास सम है!
दो राहें एक तुम तक जाती हैं एक तुमसे लौट कर आती है। दो हसरतें , एक तुम्हारे पास दो राहें एक तुम तक जाती हैं एक तुमसे लौट कर आती है। दो हसरतें , ...
वजह बेवजह तनाव का लबादा ओढ़े घूमते रहते हैं।आखिर मन ने कहा, क्या निराश हुआ जाए ? वजह बेवजह तनाव का लबादा ओढ़े घूमते रहते हैं।आखिर मन ने कहा, क्या निराश हुआ जाए ?
दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या ने दिल्ली की तरोताजा हवा में जहर घुलने का काम किया। दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या ने दिल्ली की तरोताजा हवा में जहर घुलने का काम किया।
सभी उम्र के बच्चों को भावनात्मक सुरक्षा की आवश्यकता होती है। सभी उम्र के बच्चों को भावनात्मक सुरक्षा की आवश्यकता होती है।